Friday 15 March 2013


जितने लुटेरे थे यहाँ, सब के सब मोहतरम हो गए,
चम्बल के डकैत लुटियनवासियों के हमदम हो गए।
मैं ताउम्र लोगों को अपना बनाने की जुगत में रहा,
पर जिन्हें भी अपना समझा, वही मेरे दुश्मन हो गए।

-------------------------विशाल

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